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जा चमक कि रोशनी से गुलजार हो जहाँ, ये देश है मेरा, हाँ देश है मेरा  धुप अँधेरा है चहुं ओर यहाँ। बदरा बिन बारिश के घूम-घूम वापस होरे हैं, पीतल, सोना और सोना, पीतल हैं यहाँ
हाथ की चंद रेखाओं का खेल है देखो, कोई मुकद्दर बन गया, कोई बिछड़ गया,
नींद न मार, खुद को उनींदा न कर, जो मर गया प्रेम, उसका मरने दे, यूँ घड़ी-घड़ी न सता, उसे जिंदा न कर, होंगी कुछ खूबियां भी तेरे यार में, यूँ हर बात में उसकी निंदा न कर, नींद न मार, खुद को उनींदा न कर।
बातें आधी, रातें आधी, जमीं आधी, ये नमी आधी, इश्क़ आधा, रश्क आधा, सफर आधा, जफर आधा, साथ आधा, नांद आधा,   पूनम का देखो ये चांद आधा।
बंटा हुआ हूँ, मेरे है कई हिस्से यहाँ, कुछ दफन हो गए दरख़्त की शाख में,  कई चल रहे हैं किस्से यहाँ।
न मेरे आँसू, न मेरी आवाज, कौन देखें, कौन सुने आज। 2012 ¿ 2023

सन्देश

क्या ये हवाएँ डाक नहीं लाती? सुनो! सन्देश भेजा था तुम्हारे नाम  कई बार पहले, पूछना था, कहां हो तुम, कैसे हो? कुछेक बातें थी करने को, कुछ बीता समय रोने को। जवाब न आया, न ख्वाबों के शहर में कुछ रोनक दिखी, न कलम ने लहू ही उगला अबकी। सोचता हूँ चिंता हो कोई  या खबर होगी कोई अच्छी।