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Showing posts from June, 2022
असंख्य लोगों में एक चेहरा होना, चेहरे में असंख्य होना दोनों पृथक है,  ठीक वैसे ही जैसे मालगाड़ी में असंख्य पेटियां और पेटी में असंख्य डब्बों का होना।
खैनी की तरह रगड़ खाती जिंदगी में सुकून इस चीज का है कि रगड़ने वाले तो इसका मज़ा ले पाते हैं।
किताब बना डाली है, गलतियां बताकर, उस शख्स का रूप, रुख, रूह सब निखर के सामने है, कुछ दूरियां पाई है, नजदीकियां बढ़ाकर।