Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps May 30, 2023 सुबह से शाम हो जाती, न बबा न मम्मी नजर आती, कुछ इस तरह बीत रहा बचपन मेरा, साँझ मैं घर इनको पाऊँ, बस नींद में ही सहर हो जाती। Read more