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Showing posts from April, 2016

क्या

ओ समाज-समाज रोने वालों कभी समाज को देखा है क्या आधी थालियां फेंकने वालों भूखे की आँखे देखि है क्या बड़ी-बड़ी फेंकने वालों कभी किसी गरीब का हाथ थामा है क्या पैसे की भूख में मरने ...