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Showing posts from May, 2016

बहुत मज़ेदार है ये हार।

कभी क्रोध भर जाता है तो कभी ढूंढने लगते प्यार कभी चलना भी दूबर होता कभी दौड़ने लगती कार अन्य विकल्पों को गर सोचें तो हैं बहुत मज़ेदार ये हार अहम् भाव को तोड़ती है सही राह में मो...