एक सपना ही तो है।
तू है तो सुनहरा बहुत, पर ख्वाब ही तो है! आज नहीं तो कल टूट जाएगा, बस एक काँच सा रिश्ता ही तो है! ये प्रलय- सा मन में मेरे क्यों उठा है बता जरा, तू सपनों का हेडक्वाटर नहीं मेरे, बस एक सप...
मेरी डीठ से दुनिया.... और फाम में बसा अतीत...... (डीठ-दृष्टि फाम-याद)