अकेली औरत
रूही की ज़िंदगी तलाक के बाद कई सवालों और तानों से भरी हुई थी। समाज की नजरों में वह अब सिर्फ "अकेली तलाकशुदा औरत" थी, जिसकी ज़िंदगी पर लोग अपने हिसाब से राय बनाने लगे थे। लेकिन रूही के लिए यह सफर बस अपने बेटे के भविष्य को संवारने का था। वह अपनी मम्मी बहनों और भाई के घर रह रही थी, मगर कभी-कभी ऑफिस से मिले अपार्टमेंट में भी रुक जाती थी। ऑफिस में उसके कई साथी थे जिनमें से एक था रोहन । वह उसका सहकर्मी था, लेकिन रूही उसे भाई जैसा मानती थी और सम्मान देती थी। रोहन शादीशुदा था, एक नन्हीं बेटी का पिता भी था, लेकिन उसकी एक कमजोरी थी— शराब । वह अक्सर पीता था, कभी-कभी हद से ज्यादा। रूही की ज़िंदगी में एक व्यक्ति था—एक दोस्त, जो कभी-कभी उससे मिलने ऑफिस के अपार्टमेंट आता था। रोहन को यह बात खटकने लगी। उसे लगने लगा कि रूही का इस व्यक्ति के साथ कोई रिश्ता है। यह सोचते-सोचते वह रूही के प्रति अपनी सोच बदलने लगा, मानो उसकी 'अकेलापन' किसी और चीज़ की मांग कर रहा हो। पहली घटना – एक भयानक रात उस रात रोहन बुरी तरह नशे में था। वह लड़खड़ाते हुए रूही के दरवाजे पर आया। "रूही, मैं समझ सक...