Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps September 12, 2025 ख्वाब देखा पर उसका मुकम्मल अंजाम न हो सका, शहर वहीं रहा, सफर वही रहा हासिल मुकाम न हो सका.. मैं अपनी तरफ जरा जल्दी में था, वो अपनी बानगी में मग्न थे, शहर तो बस गया ख्वाबों का, बस शहरयार न बन सके। Read more