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Showing posts from October, 2018

तेरा साथ भी गजब है

तेरा न मिलकर भी बिछड़ना, साथ चलकर भी दूर छिटकना, कशमकश लिए भागना, अतीत को लेकर बुदबुदाना, प्यार से कहकहाना, बिन बात के बतियाना, न होते हुए भी साथ हूँ कह देना, ऐसे ही झूठ-मूठ का खिश...

खुदा जाने

मेरे जग में यूँ तो बहुत सी कृतियाँ हैं हर कहीं फैली हुई, कुछ जीवंत, कुछ उजड़ सी गयी, कुछ बिल्कुल ही मैली हुई, किस ओर डपट जाऊं किसी रोज खुदा जाने, अज़ीम भी है, तज्ञ भी है, अब्तर भी है, उम...