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Showing posts from November, 2018

जीना न आया

गरल था या सुधा था बहुत, बस मुझे ही पीना न आया। जिंदगी घुली थी वहां, बस मुझे ही जीना न आया।। साथ मिला भी दूर तलक, बस मुझे ही चलना न आया। गिरते-पड़ते रहने को पहाड़ सा सफर था, बस मुझे ही ग...

बनूंगा

सुनो, मैं, माना तेरा हमसफ़र न सही तेरी पैमाइशों का हमयार बनूंगा, मैं, तेरे चमक का सितारा न सही, तुम्हारे बुरे में चंदा का प्यार बनूंगा। मैं, तेरी कीमत का सोना नहीं न सही, तेरी आहट...