ईजा कहाँ से लाऊंगा
थक सा गया हूँ साहब कितना चलूंगा..? सामर्थ्य खत्म हुआ अब, मैं अजा कहाँ से लाऊंगा..? थक-हार मां की गोदी में सिर रख देते होंगे न तुम साहब, गोद किराए की मिले भी अब, मैं ईजा कहाँ से लाऊंगा..? लम्बा सफर है जीवन का ज्योतिष कह गया था मुझे, अगर चाहूं तो भी कजा कहाँ से लाऊंगा..? सब हैं साहब यहाँ, पर मैं ईजा कहाँ से लाऊंगा...?