राम
राम राम राम जय श्री राम अंश राम, अंग राम, अम्ब राम, अंतरंग राम, कीर्ति राम, अकीर्ति राम, गम राम, अगम राम, अधिक राम , जगत में हरेक कम राम। अबोध राम, अभ्यम राम, अभद्र राम, सभ्यम राम।
मेरी डीठ से दुनिया.... और फाम में बसा अतीत...... (डीठ-दृष्टि फाम-याद)