मेरे राम, मेरी रमायण,
मेरी गाथा में न कोई मंथरा है न कैकई है,
कोई विभीषण नहीं और न कोई रावण है।

सब लक्ष्मण, भरत जैसे हैं,
सब सुग्रीव, हनुमान से हैं।

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