वक्त कब बदलता है

सूरज उगे या डूबे हमे क्या
हमें तो अपने प्रकाश से उजाला बिखेरना है

मंज़िल दूर हो या पास हमें क्या
हमें तो बस चलना है

वक्त कब बदलता है

बदलना तो हमें है

शाम नही बदलती सुबह फिर वही है

हमें तो मीलों दूर जाना है

क्या करना जान कर क्या गलत क्या सही है

चलते चल जहाँ सुकून मिलेगा ये रास्ता वही है

वक्त कब बदलता है

_ भगवान धामी

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