किन जवाबों से बनाऊं ये संसार अपना,
यहाँ हर जवाब अलग, सवाल एक सा क्यूँ है.?
दहिया कहूँ कि दूधिया हिमालय सफेद चहुं ओर,
सफेदपोशी करनी ही थी तो फिर कर लेते भगवान जहाँ को सफेद,
ये नीला आसमां, धरती हरी क्यूँ है.?
बिछड़ने वाले को नहीं देखता मैं अक्सर पर,
तेरे जाने के बाद ये फाम सी क्यूँ है.?
Comments
Post a Comment