रीस
कबै निस्पात ए जां,
त चोकरैण ए जां कबै,
नॉर्मली शांत चित्त भ्यूं,
पर देर-सबेर रीस ले ए जां कबै।
काम खूब मन लगैक करणु,
पर आदिमय त भ्यूं,
पैनी ले जां कबै।
आराम पसन्द आदिम भ्यूं,
भरी नींद मे, अद्धि रात मे,
कोई फोन जे करौ,
खुंचुरैण ए जां कबै,
कबै निस्पात ए जां,
त चोकरैण ए जां कबै।।
Comments
Post a Comment