एक फासला और सही..
कि मीलों के सफर तय किये हैं तूने,
एक फासला और सही..
जरा सी तब्दीली चाहिए तेरे हाल में, कि परिवर्तन
आएगा जरूर, एक हौसला और सही।
कि ये कदम तय करेगा तेरी महफ़िल को,
मत हार कि सामने धुंधली मीनार ही तेरी मंजिल हो,
तो क्या हुआ आंधियों ने अपनी रफ्तार बड़ा दी,
उन पंछियों को देखो, एक घोंसला और सही.
साल गया वो हर हाल गया जो बीते बरस में था,
नई ऊर्जा फिर भरो, एक फासला और सही.
लिखना जारी..........🔡
Very NYC Bhaiyya
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