तो क्या....बुरा किया ?

"सुमन" की चाह में मैंने कंटकों से दूरी बना डाली
        तो क्या.........बुरा किया???
अंधेरों की हुक़ूमत छीन कर सुबह बना डाली
      तो क्या.......बुरा किया???

मैं ना कहता था कि एक दिन "सुमन" से सुरभि माँग लूँगा..
ये आस आज पूरी कर डाली
        तो क्या.........बुरा किया ???

हाँ मानता हूँ कि मैं गर्दिशों का मोहरा रहा हूँ..
अब वज़ीर सी क़ीमत बना डाली
    तो क्या ........बुरा किया ???

सुनने में आया है कि वो अपने प्रेम को गिरवी रख आया,,
मुफ़लिसी ने ये हालत कर डाली
तो क्या..........बुरा किया???

क़ब्रगाह का इक मुर्दा जिस्मभर था मैं
मैंने रूह की ख़्वाहिश कर डाली
तो क्या...........बुरा किया ???

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