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Showing posts from January, 2022

शब्दों चलो

शब्दों चलो जाओ दूर जंगल में, अंतिम छोर में गाँव के, जहाँ रात होते ही सन्नाटा काटने दौड़ता है, उसी सन्नाटे की सह में आशियाँ बनाते है। शब्दों चलो जाओ दूर सहर के, साँझ की गोद में, जहाँ उजियारा भी दम तोड़ देता है, उसी गोद में सर रखकर कुछ गुनगुनाते है। शब्दों सुनों लौट चलो उस कलम में, लहू बनकर उतरते हो जहाँ तुम, जहाँ राग-ताल बिना जहाँ नाचना होता है, उसी लहू के कतरों को बताना है, उनसे कहना दुःखी हूँ मैं,  पता नहीं क्यों, कोई वाजिब कारण तक नहीं है।

शोर

कितना अहम होता है ये शोर जो नहीं सुना जाता, कितना बेदर्द होता है ये चोर जो नहीं चुरा जाता, कितना मजबूर होता है ये छोर जो नहीं मिला जाता। तन्हाई अक्सर आँसू बनकर बह जाती है मेरी, ख़ामोखा के लोगों का होना, तन्हाई नहीं मिटा जाता। अक्सर दम्भ करते हो जिनके होने का तुम, क्या हक़ीक़त में वो साथ नहीं छुड़ा जाता...       ये जो कोलाहल मचा है भीतर तुम्हारे सुनों, कितना अहम होता है ये शोर जो नहीं सुना जाता।

ज़िंदगी

सुनो! बड़ी बेरहम है जिंदगी, जी नहीं सके दो पल तो वहम है जिंदगी। समेट लिए हो कुछ सुकूँ के पल तो अच्छा वरना, दर्द-ए-पैहम है जिंदगी। किसी का होना जब दुःख से सरोबार कर दे तो,  सुनो!  किसी का न होना, मरहम है जिंदगी। किसी हँसी-ठिठोली में रहकर भी कमी रह जाये कहीं तो सुनो! निडर होना भी कभी सहम है जिंदगी।

करने वाले

इश्क़-मुश्क सब करने वाले, अनेकों का जीवन जीने वाले, सुन बाँट के जा ये जोड़ मन का,  ऐ! एक को अनेक करने वाले।           दर्द की दवा दे जा,  ऐ! खुश्क को जरिश्क करने वाले।  कुछ लिख दे, और मोह छुड़ा दे,     कलम का हथियार चलाने वाले।  हरी-भरी दुनिया न जीने वाले,  हसीं जहाँ का गर्क कर चलने वाले,    समतल को सर्क करने वाले,     तल्ख को बर्क करने वाले।

परीक्षाएं

सुनो परीक्षाएं होंगी, होते रहेंगी। एक से तुम्हारा अंत नहीं हो सकता, एक से बस शुरुआत होती है। कइयों से तुम्हरा अंत नहीं हो सकता, क्या एक पत्थर से घर बनता है भला.? जाने कितने ही पत्थर केवल नींव में डाल देते हैं जो दिखते भी नहीं। ऐसे ही बहुत सी परीक्षाएं दे दिया अब नहीं होगा का ख्याल निकाल फेंको। चलो अभी घर नहीं बना तुम्हारा,  मात्र मकान की छत डलनी रह गई हो शायद, इसलिए एक और बार उठो और बहुत सी परीक्षाओं को देने का साहस अपने अंदर भरो। शायद इनमें से कोई एक परीक्षा आपके लिए छत बने।