ज़िंदगी
सुनो!
बड़ी बेरहम है जिंदगी,जी नहीं सके दो पल तो वहम है जिंदगी।
समेट लिए हो कुछ सुकूँ के पल तो अच्छा वरना,
दर्द-ए-पैहम है जिंदगी।
किसी का होना जब दुःख से सरोबार कर दे तो,
सुनो!
किसी का न होना, मरहम है जिंदगी।
किसी हँसी-ठिठोली में रहकर भी कमी रह जाये कहीं
तो सुनो!
निडर होना भी कभी सहम है जिंदगी।
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