वैसा ही मंजर, वही सूरते हाल है,
जाने ईजा के उस लोक में क्या हाल-चाल है।

ये वैसा ही दौर है न माँ जैसा तेरे वक्त था।
तेरा एहसास, तेरे दर्द का एहसास दिलाता है।

Comments

Popular posts from this blog

पहाड़ का रोना