तुझे देखे बीत गए है बरस जैसे,
एक तस्बीर ही मुहैय्या करा दे खुदा,
दर्शन को गए तरस जैसे।

अबके बरस जाने कैसे दिखते होंगे,
कुछ होगा भी? उनमें बीते बरस जैसे।

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