भोले के घर से

ना किसी के डर से,
ना किसी के भर से,
ना डरूँ कहर से,
ना थरहर से,
नाता मेरा तमहर से,
आता हूँ छोटे नगर से।
परिचय मेरा स्वर से,
ना बड़े घर से,
ना फेमस शहर से,
मैं तो आता हूँ देखो,
सीधे भोले के घर से-भोले के घर से।

हिमाल भोले का घर है,
हिमाल ही पीहर है,
हिमाल ही धरोहर है,
हिमाल ही जवाहर है,
हिमाल ही मनोहर है,
हिमाल ही मुहर है,
मेरे स्वरों का स्वर है।
भोले की मेहर है
भोले ही नहर है,
भोले ही सहर है,
भोले ही तमहर है,
भोले ही भूत हर है,
भोले ही ठहर है,
भोले ही महर है,
भोले पीड़ा हर है,
धड़ का मेरे वो सर है।






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