शहर में भी गाँव रहते हैं

शहर में भी गाँव होते है,
बेशक नहीं होती  यहाँ निर्मल नदियां,
नहीं होते झरने,
नहीं होते खेत,
नहीं होती किसी से बेमतलब की भेंट,

पर हाँ!
शहर में भी गाँव होते हैं,
नाम गाँव सा मुहल्ले का रखकर,
लोग अपने गाँव को जिंदा रखते हैं,
यादें रहती है गाँवों की इन शहरी बस्तियों में,
पेड़ रहते हैं, गाँव के स्थान नाम रहते है,
बस गाँव नहीं रहता शहर में,
शहर में गाँव की भावनाएं रहती है,
बसने की मजबूरियां रहती हैं,
गाँव तो नहीं होता कोई शहर पर,
शहर में भी गाँव बसते हैं।


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