रोना रोज रोते रहे तुमसे दूर होने का,

गुफ्तगूं बहुत किये, के मिलन हो

वर्षों बाद मुखातिब हुए तो मालूम पड़ा,

तुम तो तुम ही थे हम ही हम न रहे

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