उत्तर में महान हिमाल है, उसमें हिमवीरों का कमाल है, दृढ़ कर्म निष्ठता का सवाल है, शौर्यता की ढाल है, बर्फ पड़ी निढाल है, उसमें चीते सी चाल है। घर परिवार को रख किनारे, शीत में कटता पूरा साल है। देश के लिए हीर है तो हम ही रांझे की तस्वीर है। शीत ही नदियां, शीत ही घर, शीत ही रहता नीर है, सीमा पर डटे रहते हमेशा भा.ति.सी.पु. के वीर है, आपदा के महावीर है, फौलादी शरीर है, पर्वत को देते चीर है, सीमा सुरक्षा की नजीर है, बर्फ के राहगीर है, गर्म हमारी तासीर है। कभी अधीर शौर्य है, कभी धैर्य की अजमाइश है, मुखिया अब तक पैंतीस हुए है, बासठ की पैदाइश है। अशांति में अधीर है, शांति में कबीर है, सीमा पर डटे रहते हमेशा हिमवीर है, हिमवीर है।