क्या बनाऊँ तुझे

मात्र,
एक कुलबुलाहट,
एक बानगी,
एक अल्फ़ाज़,
एक आरजू,
एक फितूर,
एक उन्माद,
एक ख्वाब,
एक दिलासा,
एक तमस,
एक उजियारा,
एक बसन्त,
एक सारंग,
एक शफरी,
एक बयार,
.....कि मात्र एक छटपटाहट,

क्या लिखूँ तुझे.....?

मात्र,
एक रोष,
एक ओज,
एक यति,
एक सती,
एक उन्मेष,
एक वंचक,
एक हिलोर,
एक तरी,
एक अम्बर,
एक कुटी,
एक मधवानी,
एक उरग,
एक नवनीत,
.......कि मात्र एक मीत..?

क्या सोचूँ तुझे,,,,,,,?

मात्र,
एक प्लवन,
एक शेष,
एक मुक्ता,
एक सहचर,
एक मराल,
एक भुजा,
एक वल्लभ,
एक नभचर,
एक उपल,
एक अंजाम,
एक भ्रमर,
एक वागीश,
एक कशक,
...........कि मात्र एक बैरी,,,

क्या बनाऊँ तुझे...........?













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