क्या कुछ नहीं देखा
क्या कुछ नहीं देखा,,
रुदन में , क्रंदन में,
पयस् लिए इन नयन में,
विलापते स्वपन में,
पुंडरीक लिए हाथन में,
सफल हुए पर धन में
क्या कुछ नहीं देखा,,
चिंतन में , मनन में,
तृष्णा भरे मन में,
समय की जूठन में,
बिगड़ते चमन में,
बिखरते आँगन में,
क्या कुछ नहीं देखा,,
वादन में , गायन में,
कुंठा भरे बचपन में,
कमियों से पूर्ण जीवन में,
गरीबी की चुभन में,
फँसती गर्दन में,
क्या कुछ नहीं देखा,,
लेखन में , पठन में,
अपनों की ऐंठन में,
नर के नारायण में,
आराध्य भगवन में,
माँ के मरण में,
क्या कुछ नहीं देखा
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