तलाश

ना दूर हैं ना पास हैं पल-पल जिसका अहसास हैं,

ना जाने क्या हैं वो जिसकी हमें तलाश हैं।

बेकार लगता हैं कभी सोचना, पर कभी लगता कुछ खास हैं,

क्या हैं न जाने वो बहुत कुछ खोने के बाद भी जिसकी आश हैं

मज़ाक सी लागती हैं ये मन्ज़िल जिसे ना पाकर लोग निराश हैं

बढ़ रही हैं नफरत प्रेम का हो रहा ह्रास हैं
ऐसे में उसका अहसास हैं, जो कुछ खास हैं..

न जाने क्या हैं वो जिसकी हमे तलाश हैं....😐

ढूढ़ रहा था उसे हर जगह आज पता चला वो आस-पास हैं

वो न पास हैं ना दूर हैं जिसका मुझे पल-पल अहसास हैं

उसका मेरे भीतर वास हैं जिसका कब से अहसास हैं
तभी तो कुछ खास हैं पल-पल उसका अहसास हैं।

27 मार्च 2011

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