दर्दे दिल बयाँ न करना

दिल के दर्द को बयान न करना
दुनिया की तो आदत हैं दया ना करना

दर्द-ए-दिल सुनते हैं बड़े गौर से
हँसते भी हैं पीछे जोर से

दर्द बाँटने की चाहत कभी ना रखना
पर बांध के पोटली सभी ना रखना

भूल के भी ज़िन्दगी की कशमकश में
भूल न जाना हँसना

पर दर्द-ए-दिल बयाँ ना करना
दुनिया की तो आदत हैं दया ना करना

.......28/03/2012



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