माँ
दिल में तेरी यादों की आहट हैं माँ,
मिलने की बड़ी चाहत हैं माँ
देखा मैने दुनिया भर के चेहरे
एक तेरा चेहरा फिर देखने की चाहत हैं।
तलाशता हूँ तुझे इस उस चेहरे
पर हर चेहरे पे लाखों है पहरे
ये आज अजब सी कैसी आहट हैं,
माँ तुझे मिलने की चाहत हैं।
अब्तर-ए-अब्र* हो गया माँ तेरा लाड़ला
कुछ अश्फ़ाक-ए-दुनिया* ने कुचला
कुछ अश्क़िया-ए-आलिमों* ने मार डाला।
तेरी गोद में सोने की आज चाहत हैं ,
थक गया माँ यहां कहाँ राहत हैं ?
चखे माँ जायके इस दुनिया के
अब तेरे हाथ की सूखी रोटी की चाहत हैं।
खुदा का क़ायदा बदल दे माँ
सुना हैं तेरी दुआ में बहुत असर हैं,
बिन तेरे नहीं यहां बशर हैं।
भूलने नहीं देता यादोँ का भँवर
चेहरा सामने आ जाता हैं हर एक पहर।
अब्तर-ए-अब्र= बादल जैसा बिखराव
अश्फाक-ए-दुनिया=दुनिया के सहारे
अश्किया-ए-अलीमो= निर्दय बुद्धिमानों
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