सांत्वना मन को
मन मेरे मत रो कोई नहीं तो क्या, मैं तेरे साथ हूँ..
आंशुओं ने कहाँ मुझसे, मैं आने वाली खुशियों की बरसात हूँ।
इस अँधेरे ने भी कहा मुझसे, मैं तेरे जीवन की रात हूँ
रात के बाद दिन आएगा मेरे दोस्त मैं तेरे साथ हूँ ।
सुख से पूछा तो कहा उसने मत पड़ मेरे पीछे मैं तो आग हूँ
मगर तू क्यों रोता हैं मैं सबके भाग हूँ।
गम ने भी कहा मुझसे मैं तेरे जीवन की बारात हूँ
मैं जो रात हूँ, सबके साथ हूँ।
किसी के साथ कल थी तेरे साथ आज हूँ
मन मेरे मत रो मैं तेरे साथ हूँ............
30/01/2011 को लिखित।
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